कान्हा की नगरी में गायो की हुई दुर्दशा...

कान्हा की नगरी में दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही गोवंश की स्थिति नही दे रहा कोई भी ध्यान लगातार हो रही गौवंश की मौत संत भी कर रहे गायो की दशा पर अफसोस

कान्हा की नगरी में गायो की हुई दुर्दशा...

मथुरा (मदन सारस्वत) || योगी सरकार मे गौवंश की ऐसी  दुर्दशा होगी शायद ये किसी ने सपने मे भी नही सोचा होगा। गाय भूख से तडप तडप कर दम तोड रही है। उनके बैठने की उचित व्यवस्था न होने के कारण वे दलदल मे बैठने को मजबूर है। पशू आहार न होने के कारण सूखा भूसा खाकर कमजोर हुई गाय जब उस कीचड मे बैठती है तो फिर उठ नही पाती। तो तीन दिन तक गौवंश की खाल उसी कीचड में गलने लगती है। इससे आगे की कवरेज आपको विचलित कर सकती है। गौवंश जब चलने मे सक्षम नही रहता तो अवारा कुत्ते उनका मांस नोच नोच कर खाते है उस समय गौवंश खून के आसू बहाता हुआ श्री कृष्ण से मौत की भीख मांगता  होगा।

सरकार से मिल रही करोडो रूपये की धनराशि किस तरह भृष्टाचार की भेंट चढ रही है आप खुद देख सकते है। एक एक दिन मे दर्जनों गाय दल दल मे फंस कर दम तोड देती है। गौशाला संचालकोंका कू्ररतम चेहरा देखिये कि वे बीमार ओर कमजोर गायेां केा इलाज ओर भोजन देने के बजाय मृत प्राय गौवंशो को जिंदा ही दफन कर देते हे। 

योगी सरकार गौवंश के रक्षण एवम संवद्र्वधन के लिये करोडो रूपये खर्च कर सरकारी गौशालाओं की स्थापना कर रही है। लेकिन सरकारी अधिकारी इस बात की परवाह किये बिना सारे पैसे का भृष्टाचार कर बंदर बांट करने मे लगे हे। बदहाल हालत मे दिखाई दे रही इस गौशाला का उदघाटन सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ ने किया था। जिसके लिये करीब 25 करोड रूपये की धनराशि भी स्वीकृत करने का वादा किया गया था। उस समय दावा किया गया था कि यह गौशाला प्रदेश मे माॅडल के रूप मे जानी जायेगी। इस बात से भी इनकार नही किया जा सकता कि सूवे के मुखिया को वे लोग गुमराह कर रहे हैं जिनके हाथों में इसके संचालन की जिम्मेदारी है। योगी जी यदि आपने इस बदहाल गौशाला की स्थिती देखी तो निश्चित रूप से आपकी भी आत्मा रो पडेगी।