फतेहाबाद में अपनी मांगो को लेकर सडक पर उतरी एबीवीपी...

अपनी मांगो को लेकर सडक पर उतरी एबीवीपी, बढ़ाई गई फीस वापिस करने, कॉलेज, यूनिवर्सिटी की फीस को किस्तों में लेने सहित 11 मांगो को लेकर किया प्रदर्शन, कहा अगर उनकी मांगे पूरी नहीं तो 3 सितंबर को शिक्षा निदेशालय पंचकूला में किया जाएगा प्रदर्शन।

फतेहाबाद में अपनी मांगो को लेकर सडक पर उतरी एबीवीपी...

फतेहाबाद (सतीश खटक) || अपनी मांगों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आज लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के माध्यम से एबीवीपी द्वारा सरकार से उनकी 11 मांगों पर पूरा करने की मांग की गई है। प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी के जिला संयोजक संदीप समैण ने बताया की एक ग्यारह सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं प्रदेश के शिक्षा मंत्री को भेजा गया है। उन्होनें कहा कि सरकार छात्र हितों की इन मांगों को पूरा करे अन्यथा एबीवीपी द्वारा पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।

इन्हीं मांगों को लेकर आज जिसमें आज सभी जिला केंद्रो पर  प्रदर्शन किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो आगामी 3 सितंबर को पंचकूला में उच्चतर शिक्षा विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया की पिछले वर्ष सरकार द्वारा विभिन्न कोर्सों की फीस में बढ़ोतरी की गई थी जिसका एबीवीपी ने पुरजोर विरोध किया था उसके पश्चात उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा एक पत्र के माध्यम से जिन विद्यार्थियों से बढ़ी हुई फीस का फैसला वापिस ले लिया था तथा छात्रों द्वारा अदा की गई फीस 15 दिन में वापस करने का निर्देश दिया था, परंतु आज तक प्रदेश के 50 प्रतिशत से ज्यादा संस्थानों ने फीस वापस नहीं की है। उन्होंने कहा की आगामी सत्र में विद्यार्थी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की बहुत सारी सुविधाओं का उपयोग नहीं कर रहे हैं इसलिए उसी अनुपात में उनकी फीस में भी कटौती की जाए, शिक्षा शुल्क किस्तों में जमा कराने की सुविधा विद्यार्थियों और अभिभावकों को दी जाए । अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा से संबंधित सभी समस्या दूर की जाए अगर ऑनलाइन परीक्षा ली जाती हैं तो पहले मॉक टेस्ट आयोजित किया जाए, प्रत्येक जिला केंद्र पर परीक्षा से सम्बंधित समस्याओं को दूर करने के लिये जिला कॉर्डिनेटर नियुक्त किये जाए,  रिअपीयर के विद्यार्थियों के लिए किसी भी नोटिफिकेशन में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है इसलिए स्थिति को स्पष्ट किया जाए एवं इस बात का ध्यान रखा जाए कि किसी भी विद्यार्थी का 1 वर्ष खराब ना हो।