'ईद पर सेवई खिलानी है तो गुझिया खाओ', EID पर Anuj Chaudhary का बयान वायरल | P24 NEWS
देश में त्यौहार और संभल सीओ के विवादित बयानों का मानों चोली दामन का साथ है... एक तरफ त्योहार आते हैं... तो दूसरी तरफ अनुज चौधरी का बयान... अनुज चौधरी के होली पर आए विवादित बयान का रंग अभी फींका नहीं पड़ा था... उन्होंने एक और नया बयान दे डाला है... अनुज चौधरी का ये बयान ईद को लेकर आया है... संभल सीओ ने क्या कुछ कहा... वो आप खुद सुनिए....
ब्यूरो रिपोर्ट, पी24 न्यूज़
देश में त्यौहार और संभल सीओ के विवादित बयानों का मानों चोली दामन का साथ है... एक तरफ त्योहार आते हैं... तो दूसरी तरफ अनुज चौधरी का बयान... अनुज चौधरी के होली पर आए विवादित बयान का रंग अभी फींका नहीं पड़ा था... उन्होंने एक और नया बयान दे डाला है... अनुज चौधरी का ये बयान ईद को लेकर आया है... संभल सीओ ने क्या कुछ कहा... वो आप खुद सुनिए....
- दरअसल इस साल 31 मार्च को देश में ईद मनाई जाएगी.. वहीं 30 मार्च से नवरात्र शुरू हो रहे हैं... ऐसे में रमजान, ईद और नवरात्रि को लेकर सदर कोतवाली में पीस कमेटी की बैठक हुई... जिसमें एएसपी श्रीश्चंद्र, एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा और सीओ अनुज चौधरी के अलावा शहर के इमाम और बाकी प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए... इसी बैठक के दौरान सीओ अनुज चौधरी ने ये बयान दिया...
- सीओ अनुज चौधरी का विवादित बयान
पीस कमेटी की बैठक में बोले अनुज चौधरी
'ईद पर सेवई खिलानी है तो गुझिया खाओ'
होली पर दिए बयान को ठहराया जायज- 'मेरे बयान पर कोई कोर्ट क्यों नहीं गया'
सीओ का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ शांति कायम करना है, लेकिन उनके इस बयान ने एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम भावनाओं को जोड़कर सवाल खड़े कर दिए हैं... विपक्षी दलों ने इसे तंज कसने वाला और भेदभावपूर्ण बताया है... समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा कि क्या कोई मुस्लिम गुंजियां खाने से मना करता है... वहीं, कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि संभल में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा पहले से कायम है, और ऐसे बयानों की जरूरत नहीं...
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अनुज चौधरी ने होली पर दिए बयान को भी जायज ठहराया है... और साफ-साफ कहा है कि उनका वो बयान अगर इतना ही गलत था तो कोई सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंचा...
आपको बात दें नवंबर 2024 में संभल में मौजूद शाही मस्जिद में सर्वे के आदेश के बाद हिंसा हुई थी.. जिसके बाद से ही सीओ अनुज चौधरी सुर्खियों में हैं... वो कभी गदा लेकर घूमते नजर आते हैं.. तो कभी हिंदू-मुस्लिम से जुड़े विवाद बयान देते हैं... लेकिन सवाल है कि एक प्रशासनिक पद पर बैठे पदाधिकारी का इस तरह के बयान देना कितना जायज है... क्या हमारा कानून और संविधान इसे जायज ठहराता है...