उम्र पर जज्बा भारी : बुजुर्ग डबास दंपती ने मास्टर एथलेटिक्स में जीते पांच मेडल....

खेलों में गोल्ड सहित पांच मेडल जीतकर साबित कर दिया है कि ढलती उम्र भी खेलों के प्रति रुझान को नहीं रोक पाई। सेवानिवृति के बाद भी दादरी की संतरा देवी व उनके पति सुरेंद्र डबास खेल जगत से जुड़े रहे और अनेकों राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदकों का ढेर लगा लिया है। इतना ही नहीं बल्कि संतरा देवी की दो बहनें भी सेवानिवृत्ति के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों पदक हासिल कर चुकी हैं।

उम्र पर जज्बा भारी : बुजुर्ग डबास दंपती ने मास्टर एथलेटिक्स में जीते पांच मेडल....
Charkhi Dadri (Pardeep Sahu) || इंसान में अगर जज्बा और हौसला हो तो वह कुछ भी हासिल कर सकता है, चाहे उम्र कुछ भी हो। इस बात को चरखी दादरी के पति-पत्नी ने साबित कर दिखाया है। यहां 70 की उम्र के दादी- दादी की फिटनेस देख लोगों का भी पसीना छूट गया। जिन्होंने खेलों में गोल्ड सहित पांच मेडल जीतकर साबित कर दिया है कि ढलती उम्र भी खेलों के प्रति रुझान को नहीं रोक पाई। सेवानिवृति के बाद भी दादरी की संतरा देवी व उनके पति सुरेंद्र डबास खेल जगत से जुड़े रहे और अनेकों राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदकों का ढेर लगा लिया है।

इतना ही नहीं बल्कि संतरा देवी की दो बहनें भी सेवानिवृत्ति के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों पदक हासिल कर चुकी हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी जज्बा कायम गांव झोझू कलां की संतरा देवी ने सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होने बाद भी खेलों के प्रति अपने जज्बे को जिंदा रखा और अनेक प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेती हैं। अपने साथ-साथ तीनों बहनें अपने बेटों-पुत्रवधुओं और पोते-पोतियों को भी खेल के गुर सिखा रही हैं। वहीं, उनके पति सुरेंद्र डबास भी कई स्पर्धाओं में मेडल जीत चुके हैं। पिछले दिनों चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की मास्टर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में झोझू कलां की बेटी व हाल में दादरी के वार्ड 16 निवासी संतरा देवी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन स्वर्ण पदकों को जीता है। उन्होंने सौ मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इसके साथ ही 300 मीटर बाधा दौड़ में भी अव्वल रहते हुए गोल्ड जीता। वहीं उनके पति सुरेंद्र डबास भी उनके कदमों से ताल मिलाकर साथ चलते हुए कई स्पर्धाओं में मेडल जीत चुके हैं। सुरेंद्र डबास ने भी चेन्नई दो मेडल जीते हैं।

पुत्रवधु व पोते-पोतियों को भी सिखा रही खेल के गुर
संतरा देवी ने सरकारी नौकरी से सेवानिवृत होने बाद भी खेलों के प्रति अपने जज्बे को जिंदा रखा और अनेकों प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेती हैं। अपने साथ-साथ तीनों बहनें अपने बेटों-पुत्रवधुओं और पोते-पोतियों को भी खेल के गुर सिखा रही हैं। हालांकि स्टेडियम नहीं होने के चलते उन्हें पार्क या घर में ही प्रक्टिस करनी पड़ रही है।

बुजुर्ग खिलाडिय़ों को सरकार से मिले प्रोत्साहन
बुजुर्ग दंपती ने कहा कि सरकार द्वारा बुजुर्ग खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है। अगर उनको प्रोत्साहन मिले तो वे विदेशी धरती पर भी देश का नाम रोशन कर सकते हैं।