जन्मजात से लेकर बालिग होने तक गंभीर बीमारियों से ग्रस्ति बच्चों की संख्या में इजाफा

जन्मजात से लेकर बालिग होने तक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों की संख्या काफी बढ़ती जा रही है. इसमें हृदय रोग,शरारिक विकार,दिल में छेद,बहरापन,मोतियाबिंद, होठ जीभ का कटा होना जैसी गंभीर बीमारियां शामिल है.

जन्मजात से लेकर बालिग होने तक गंभीर बीमारियों से ग्रस्ति बच्चों की संख्या में इजाफा
|| Ambala, Haryana ||Aditya Kumar || जन्मजात से लेकर बालिग होने तक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों की संख्या काफी बढ़ती जा रही है. इसमें हृदय रोग,शरारिक विकार,दिल में छेद,बहरापन,मोतियाबिंद, होठ जीभ का कटा होना जैसी गंभीर बीमारियां शामिल है.
डॉक्टर–बलजिंदर कौर डिप्टी सिविल सर्जन ने बताया कि ऐसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों का इलाज सभी गरीब परिवारों के लिए संभव नहीं होता. ऐसे बच्चों को ढूंढने और उनका इलाज करवाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें पूरा इलाज स्वास्थ्य विभाग द्वारा निशुल्क करवाया जाता है.
अंबाला में बाल स्वास्थ्य कल्याण कार्यक्रम के तहत 40 सदस्यों की मोबाइल हेल्थ वैन की 10 टीमें बनाई गई है. जोकि आगनवाड़ियो और सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों का चेकअप करती है और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों की पहचान की जाती है. जिसके बाद सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में बीमारी के हिसाब से निशुल्क इलाज करवाया जाता है. हाल में ही हरियाणा सरकार द्वारा मोहाली के फोर्टिस और डेराबस्सी के इंडस अस्पताल के साथ टाई अप किया गया है.
अकेले अंबाला जिला में पिछले साल गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 271 बच्चों की पहचान की गई. जिनमे से लगभग 80 लाख की लागत से 159 बच्चों का इलाज करवाया जा चुका है. इनमे से 91 का इलाज सरकारी अस्पतालों में करवाया गया और 81 का ऑपरेशन प्राइवेट अस्पतालों में हुआ. आज जिला प्रशिक्षण केंद्र में मोबाइल वैन टीम की नर्सिंग ऑफिसर्स के लिए ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया गया.
ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर बलजिंदर कौर ने बताया कि काफी बच्चों में जन्मजात बीमारियां जैसे पैर टेढ़े होना,दिल में छेद, होठ व जीभ का कटा होना,भेंगापन,बहरापन पाई जाती है ऐसे गरीब परिवारों के बच्चों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहचान कर निशुल्क इंडस डेराबस्सी,फोर्टिस मोहाली, पीजीआई चंडीगढ़ जैसे प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाया जाता है दिल,आंखों, स्किन,हड्डियों, से जुड़ी बीमारियों का इलाज अलग अलग अस्पतालों में करवाया जाता है अगर किसी के भी जान पहचान में ऐसा कोई बच्चा है तो वह स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सकता है इलाज बिलकुल निशुल्क करवाया जाएगा