अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर रहेगी तीसरी आंख की पैनी नजर...

अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन की सुरक्षा अब अत्याधुनिक कैमरों से होगी। कैमरों की नज़र से न अपराधी बच पाएगा और न संदिग्ध। रेलवे परिसर पर प्लेटफार्म, पार्सल आफिस, रेलवे यार्ड, स्टेशन की तरफ आने व जाने वाले सभी रास्ते अब तीसरी आंख की कैद में होंगे।रेलवे परिसर में लगे रिवॉल्विंग (घूमने वाले) कैमरे 200 से 60 मीटर तक सब कुछ आसानी से कैप्चर करने में माहिर हैं। रेलवे स्टेशन परिसर में अब 92 कैमरे लगने शुरू हो गए है |

अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर रहेगी तीसरी आंख की पैनी नजर...

अम्बाला (अंकुर कपूर) || उत्तर रेलवे अंबाला मंंडल के सबसे बड़े जंक्शन की सुरक्षा को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। पुराने और धुंधले कैमरों के सहारे स्टेशन की चाक-चौबंद व्यव्स्थाओं की बात होती रही। इस दौरान रेलवे के उच्चा‌‌धिकारी भी कई बार स्टेशन के दौरे पर आए और वहीं कई रेल प्रबंधक भी बदल गए, वहीं अत्याधुनिक कैमरों की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। लेकिन अब रेल यात्रियों और सुरक्षा एजेंसियों का बरसों पुरानी मांग पूरी हो गई है। छावनी जंक्शन पर कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। पंजाब, हिमाचल, यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली और राजस्थान को आपस में जोडऩे का छावनी जंक्शन एक केंद्र है। लॉकडाउन अवधि से पहले जंक्शन से रोजाना 70 से 80 हजार यात्रियों का आवागमन होता था। इसलिए जंक्शन की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा था। कुछ साल पहले स्टेशन परिसर में आरडीएक्स से भरी एक कार भी बरामद हुई थी, वहीं स्टेशन को 4-5 बार उड़ाने की धमकी भी मिल चुकी है। आरपीएफ पोस्ट की उपरी मंजिल के साथ बनाया गया कंट्रोल रूम में सीसीटीवी कैमरों की प्रत्येक ‌गतिविधी पर आरपीएफ कर्मचारियों की नजर रहेेगी और इसका बैकअप भी लिया जा सकेगा।इस बारे में बताते हुए स्टेशन डायरेक्टर बीएस गिल ने बताया कि अंबाला स्टेशन की सुरक्षा को लेकर रेल टेल द्वारा हाईडेफिनेशन कैमरों को लगाने की प्रक्रिया आरंभ की गई है। पहले फेज में लगभग 47 कैमरे अलग-अलग लोकेशन पर लगाए जाएंगे।मॉनिटरिंग के लिए 2 एलईडी स्क्रीन भी लगाई जाएंगी। प्रत्येक अधिकारी स्टेशन की गतिविधी को स्क्रीन और मोबाइल पर आसानी से देख सकेगा।