स्वतन्त्रता दिवस की पतंगबाजी में लोगों का गला काटता चाइनीज माँझा, तीन लोग घायल, एक की मौत...

इस स्वतन्त्रता दिवस पर सिर्फ दिल्ली और आस पास में ही कई ऐसी जाने गयी जिसके पीछे की वजह पतंगबाजी हैं । अब तक पंछी मरतें थें, कट कट कर गिरते थे, तब लोगो को इसकी परवाह नहीं थी लेकिन अब यही पतंगबाजी इंसाओं के जान ले रही हैं ।

स्वतन्त्रता दिवस की पतंगबाजी में लोगों का  गला काटता चाइनीज माँझा, तीन लोग घायल, एक की मौत...

स्वतत्रता दिवस और रक्षाबंधन के अवसर पर आसमान मे लोग खूब पतंगबाजी करते हैं । लोगों को खूब आनंद आता हैं लेकिन ये मौज मस्ती कितनी महंगी पड़ती हैं इसका अंदाजा कभी आपने लगाया हैं ? हर साल कहीं किसी जगह पर होने वाले दर्दनाक हादसे को देखकर सोशल मीडिया पर तो खूब Save Birds जैसे हैश टैग चलते हैं लेकिन वो बस महज कुछ दिन तक । साल बीत जाता हैं और इंसान की शौकिया मस्ती को पूरी करती पतंगबाजी अगले साल फिर से किसी की जान का द्श्मन बन जाती हैं ।

इस स्वतन्त्रता दिवस पर सिर्फ दिल्ली और आस पास में ही कई ऐसी जाने गयी जिसके पीछे की वजह पतंगबाजी हैं । अब तक पंछी मरतें थें, कट कट कर गिरते थे, तब लोगो को इसकी परवाह नहीं थी लेकिन अब यही पतंगबाजी इंसाओं के जान ले रही हैं ।दिल्ली के आउटर रिंग रोड एलिवेटेड फ़्लाइओवर पर अपनी बहन के साथ बाइक से लौट रहें सिविल इंजीनियर मानव का गला अचानक हवा मे फैले माँझे के चपेट में आ गया । चाइनीज मिलावटों का धारधार धागा उसका गला रेतता हुआ निकल गया । चंद लम्हों पहले कलाई पर रक्षासूत्र बँधवाने वाला भाई सड़क पर अपनी बहन के सामने ही अपनी आखिरी साँसे लेने लगा। अस्पताल ले जाते काटे अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गयी ।दूसरी घटना दिल्ली से सटे फरीदाबाद के एक पुरुष और एक महिला से संबन्धित हैं । अस्पताल में ज़िंदगी और मौत से जुझ रहें इन दोनों की जान पर शामत भी लोगो की पतंगबाजी के शौक और माँझे के धार की वजह से आई हैं । ऐसी कई घटनाए हैं जिसमें हवा में मौत लेकर उड़ती पतंगों ने लोगों का गला रेता हैं, नशे काटीं हैं और उनके मौत कि वजह बनी हैं ।  सरकार ने चाइनीज माँझे पर पाबंदी लगा रखी हैं लेकिन उससे क्या फर्क पड़ता हैं । बैन तो सरकार दिवाली के पटाखो पर भी लगाती हैं । बैन तो शराब पर भी लगाती हैं । लेकिन जनता को उससे क्या मतलब । जनता को बिना कुछ किए ही सब सारे बदलाव सही चाहिए । जब तक कोई अपना किसी बुरे हादसे का शिकार ना हो तब तक उसके परिणाम की चिंता लोगो को होती कहाँ हैं ? लोगों का ये शौक, ये मनोरंजन का समान हर साल खेल खेल में किसी का भाई छीन रहा हैं तो किसी का पति, किसी का बच्चा । आसमान मे उड़ रहें पक्षियों की तो बात ही छोड़ ही दीजिये ।