मथुरा में युवती को मोहरा बना कर विरोधियों को फंसाने चला था शातिर बिल्डर...

युवती को मोहरा बना कर विरोधियों को फंसाने चला था शातिर बिल्डर, अपने ही बुने हुए जाल मैं फस गया -बिल्डर ने अपने साथियों के साथ शूट किया युवती युवती से दुष्कर्म के प्रयास का वीडियो | सनसनी बनाने को वीडियो को सोेशल मीडिया पर किया था वायरल युवती ने उन लोगों के खिलाफ थाने मैं तहरीर दे दी जिनकी जमीन हडपना चाहता था बिल्डर |

मथुरा में युवती को मोहरा बना कर विरोधियों को फंसाने चला था शातिर बिल्डर...

मथुरा (मदन सारस्वत) || अपने यहां काम करने वाली युवती को मोहरा बना कर  विरोधियों को फंसानेे चला शातिर बिल्डर अपने ही जाल मैं फंस गया। षणयंत्र रचने वाले 9 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पर हथियारों के बल पर युवती के साथ दुराचार के प्रयास का वीडियो वायरल होने के बाद मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आ गया था। आईजी ए.सतीश गणेश ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द निस्तारण के निर्देश दिये थे।

13 अक्टूबर को अभियुक्ता ज्योति असिस्टेन्ट मैनेजर दीपान्जलि डवलपर्स द्वारा थाना हाइवे हुक्मी आदि चार लोगों के विरुद्ध तमंचे के बल पर छेडछाड़ करने व  धमकी देने की तहरीर दी थी। विवेचना से प्रकाश में आया कि दीपान्जलि डवलपर्स के मालिक सुरेन्द्र पटेल के द्वारा वर्ष 2014 मे दौजी के पिता धनसी से 7000 वर्ग गज जमीन का एग्रीमेंन्ट अपने नौकर मनोहरी के नाम कराया था। इस जमीन को सुरेन्द्र पटेल ने तय समय में पैसा अदायगी करके बैनामा नहीं कराया व मनोहरी की मृत्यु हो गयी, धनसी द्वारा मनोहरी के वारिसान की मदद से एग्रीमेंन्ट कैंसिल कराकर जमीन किसी अन्य को 15 दिन पहले बेच दी थी। जमीन अपने हाथ से जाता देख सुरेन्द्र पटेल ने अपने मैनेजर सुरेन्द्र सिंह व असिस्टेन्ट मैनेजर ज्योति एवं अन्य साथियांे के साथ मिलकर योजना के तहत अपने ही लोगों द्वारा अपनी मैनेजर ज्योती के साथ तमंचे के बल पर छेडछाड का वीडियों तैयार कराया, जिसमें मास्टर माइन्ड सुरेन्द्र पटेल मालिक दीपान्जलि डवलपर्स मथुरा था। दीपान्जलि डवलपर्स के मैनेजर सुरेन्द्र सिंह ने इस नाटकीय घटना को अन्जाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की व अपने दोस्तों को फोन करके जन्मदिन के बहाने बुलाया और सभी को पूरी बात बताते हुए सुरेन्द्र पटेल की मदद करने के लिए तैयार किया। सुरेन्द्र सिंह व सुरेन्द्र पटेल के भाई पंकज पटेल का काम फोन से घटना की वीडियो बनाना था। विनेश चैधरी को तमंचा तानकर लडकी को धमकाना था। शिवराम को लडकी के साथ धक्का मुक्की करने का काम सौपा गया। उमेश को लड़की को घेरने व धमकी देने की भूमिका दी गई। वीरपाल यादव को मौके पर साक्षियों को लाने की जिम्मेदारी दी गयी, ताकि वो घटना की स्वभाविक साक्षी बन सके। बबलू को सबसे हल्का होने के कारण आशू गौतम से उसे कन्धे पर डालकर ले जाने के लिए कहा गया, जिसकी सहमति बबलू ने दी थी। इन सभी लोगो ने घटना का षडयन्त्र रचकर, घटना की वीडियोग्राफी कराकर इसे सुरेन्द्र पटेल को भेजा और सुरेन्द्र पटेल ने सनसनी फैलाने के उद्देश्य से वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कराया, ताकि पुलिस दबाव में आकर नामित आरोपियों  के विरुद्ध जल्द से जल्द कार्यवाही कर दे । इनके कब्जे से पुलिस ने दो वन्डल में अलग-अलग दो मोबाइल सैट जिनसे वीडियों तैयार किया गया व वायरल किया गया। .एक तमंचा 315 बोर व दो जिन्दा बरामद किये गये हैं। सुरेन्द्र ठाकुर के खिलाफ डीपी एक्ट मंे मामला पंजीकृत किया गया है। जबकि सुरेेन्द्र पटेल के खिलाफ धखोधडी सहित संगीन धाराआंे में मामला पंजीकृत किया गया है। घटना के खुलासे के लिए स्वाट टीम, सर्विलांस, एसओजी, थाना प्रभारी कोतवाली शहर, कोतवाली वृंदावन, थाना जमुनापार, थाना हाइवे आदि को लगाया गया। एसएसपी डा.गौरव ग्रोवर ने खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार का इनाम घोषित किया है।