अमूल दूध के पैकेट पर छपा तिरंगा, मिल रहा कचरे के डिब्बे में।

सरकार के द्वारा अमुल दुध के पैकेट पर तिरंगे की तस्वीर लगाने का फैसला लिया गया जिसके बाद अमुल दुध के पैकेट पर छपे तिरंगे को पैरो तले कुचला जा रहा है, देश की शान का तिरंगा कचरे के ढ़ेर में मिल रहां हैं।  

अमूल दूध के पैकेट पर छपा तिरंगा, मिल रहा कचरे के डिब्बे में।

Delhi (Rakesh Kumar) ||आजादी के 75वें वर्ष को लेकर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और इसके लिए सरकार हर घर तिरंगा अभियान चला रही है, साथ ही सरकार के द्वारा कई अभियान भी चलाए जा रहें हैं। और इन सब के बीच सराकर के द्वारा एक ऐसा फैसला लिया गया, जो कि पूरे देश के लिए शर्मसार करने वाली बात है, हमारे तिरंगें की अपमान की बात है, दरअसल सरकार के द्वारा अमुल दुध के पैकेट पर तिरंगे की तस्वीर लगाने का फैसला लिया गया जिसके बाद अमुल दुध के पैकेट पर छपे तिरंगे को पैरो तले कुचला जा रहा है, देश की शान का तिरंगा कचरे के ढ़ेर में मिल रहां हैं। 

देश में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर जहां लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। लोग देश भक्ति में डूब कर जागरूकता रैली, तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं। हर घर तिरंगे लगाने को लेकर जोर शोर से प्रचार – प्रसार किया जा रहा है। तो वहीं दूसरी ओर अमूल दूध की थैली पर आज़ादी के अमृत महोत्सव पर अमूल दूध की थैली पर राष्ट्रध्वज अंकित किया गया और लिखा  आज़ादी का अमृत महोत्सव, हर घर तिरंगा, 13-15 अगस्त 2022। 

एक तरफ जहां केन्द्र में बैठी सरकार देश के लिए मर मिटने की बात करते हैं तो वहीं दुसरी तरफ यही सरकार के द्वारा एक ऐसा निर्णय लिया जाता है जो कि तमाम देशवासियों  पूरी तरह शर्मशार करती है, जिस तिरंगे को हमारे देश की सुरक्षा कर रहें जवानों की शहदतों पर उनके उपर बिछाया जाता है उसी तिरंगें को पैरो तले कुचला जा रहा है .. कचरे के ढ़ेर में शामिल हमारा तिरंगा कौन सी शान का प्रतीक है.. इसका जवाब केन्द्र में बैठी सरकार को देने की जरुरत है... जिस देश के लोग अपने धर्म से पहले तिरंगे को रखते हों वहां हमारे तिरंगा का अपमान होना सरकार की बौनी पड़ी मानसीकता को दर्शाता है।