जींद चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय ने खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए की नई शुरूआत...

जींद चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नई शुरूआत की है। इस नई शुरूआत के तहत सीआरएसयू द्वारा ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय कप में मेडल जीतने वाले खिलाडिय़ों को बीए और बीएससी की डिग्री प्रदान करेगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने खिलाड़ी विद्यार्थियों को स्नातक की परीक्षा में एक परम्परागत विषय की जगह खेल का भी ऑप्शन देने का बड़ा फैसला लिया है।

जींद चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय ने खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए की नई शुरूआत...

जींद (परमजीत पंवार) || जींद चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नई शुरूआत की है। इस नई शुरूआत के तहत सीआरएसयू द्वारा ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय कप में मेडल जीतने वाले खिलाडिय़ों को बीए और बीएससी की डिग्री प्रदान करेगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने खिलाड़ी विद्यार्थियों को स्नातक की परीक्षा में एक परम्परागत विषय की जगह खेल का भी ऑप्शन देने का बड़ा फैसला लिया है।यह घोषणा  सीआरएसयू के वीसी डा. आरबी सोलंकी द्वारा पत्रकारों से बातचीत में की गई। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को पत्र लिखा गया है।

पत्र में सीआरएसयू ने कहा है कि देश के जो खिलाड़ी ओलंपिक खेलों या किसी अंतरराष्ट्रीय कप में मेडल जीत कर लाते हैं तो ऐसे खिलाडिय़ों को सीआरएसयू बीए या बीएससी की डिग्री देगा। इससे खेलों को बढ़ावा मिलेगा और देश के लिए अच्छे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकलकर सामने आएंगे। खिलाड़ी विद्यार्थियों को एक सबजैक्ट में दिया खेल का आप्शनसीआरएसयू की शैक्षणिक परिषद की बैठक में एक अहम निर्णय यह लिया गया है कि विश्वविद्यालय के खिलाड़ी विद्यार्थियों को एक सबजैक्ट में खेल का ऑप्शन मिलेगा। विश्वविद्यालय का जो खिलाड़ी किसी भी खेल में राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करेगा, उसे डिग्री की परीक्षा में एक परम्परागत विषय की जगह उसके खेल का पेपर देने का विकल्प मिलेगा। वह खिलाड़ी विद्यार्थी किसी भी एक विषय के पेपर की जगह अपने खेल का पेपर दे सकेगा। इसमें लिखित और मौखिक दोनों तरह की परीक्षा होगी। प्रश्र केवल उसके खेल से संबंधित पूछे जाएंगे और उसे लिखित तथा मौखिक परीक्षा में जितने के्रडिट अंक मिलेंगें, वह उसके खेल विषय में शामिल किए जाएंगे। इससे यह लाभ होगा कि अच्छे खिलाड़ी फेल होने से बच जाएंगे और वह खेल पर अपना ध्यान और भी अच्छी तरह से केंद्रित कर सकेंगे। अब तक होता यह था कि खिलाड़ी विद्यार्थी खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बीए या बीएससी की डिग्री एक विषय में फेल हो जाने के कारण नहीं ले पाते थे। ऐसे खिलाड़ी विद्यार्थियों को अब खेल को एक ऑप्शन के रूप में दिया जाएगा।