दिल्ली में ठगे गए MTNL सोसाइटी के 200 लोग, पुलिस पर लगे नाकामयाबी के आरोप

200 people of MTNL society cheated in Delhi allegations of failure against police

दिल्ली में ठगे गए MTNL सोसाइटी के 200 लोग, पुलिस पर लगे नाकामयाबी के आरोप

दिल्ली में-फ्लैट देने का भरोसा देकर MTNL सोसाइटी के  करीब 200 से जायदा लोगों के साथ लगभग 15 करोड़ के ठगी हो गयी, 2015 में FIR भी दर्ज़ हुयी लेकिन आज तक रोहिणी जिला अंतर्गत केएन काटजू थाना पुलिस चार्जशीट दाखिल नहीं कर पायी , इसी का लाभ उठाकर आरोपियों ने 2021 में एक और ठगी को अंजाम दे दिया--4.60 करोड़ की इस मामले में तो गिरफ्तारी भी हो गयी ,लेकिन एमटीएनएल के पूर्व कर्मचारी 2015 के मामले में आज तक पुलिस के चक्कर लगा रहे है इस उम्मीद में की उनके साथ न्याय होगा इस मामले में रोहिणी जिला डीसीपी ने पुलिस की इस नाकाबिलियत पर बात करने से मना कर दिया है 

प्लाट में पीड़ित --थाना --FIR ---लोगो के शॉट्स ---
रोहिणी जिले के केएन काटजू थाना में मौजूद ये बुजुर्ग MTNL एम्प्लोयी सोसाइटी के वे लोग है जो फ्लैट मिलने की आस में ठगे गए है ---ऐसे पीड़ित लोगों की संख्या करीब 225 है ,जिनकी शिकायत पर करीब 15 करोड़ रुपये की ठगी के इस मामले में 7 अप्रैल 2015 को केएन काटजू मार्ग थाने में  FIR भी दर्ज़ है,--लेकिन जिन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज़ है पुलिस ने आज तक उन पर कोइ करवाई करना तो दूर , चार्जशीट तक दाखिल नहीं की ---इस बीच इन्हे आरोपियों ने 2021 में एक और ठगी को अंजाम दिया , इस मामले में पुलिस वर्ष 2015 के मुख्य आरोपी प्रकाश के बेटा सहित तीन लोग आज तक जेल में है , लेकिन हैरत की बात है की पुलिस अभी तक उनके मामले में चुप और शांत है---ऐसे में ये लोग पुलिस काबिलियत और नियत पर सवाल उठा रहे है --


पूरा मामला बाहरी दिल्ली के कंझावला डीएम ऑफिस के ठीक सामने स्थित इस जमीन का है , एमटीएनएल के कुछ पूर्व अधिकारियों ने वर्ष 2007 में  एक सोसाइटी बनाई ,--महज कुछ महीनों में ही इस सोसाइटी के पहले प्रधान ने इस्तीफा दे दिया और सोसाइटी पर प्रकाश चंद सहित कुछ लोगों का कब्जा हो गया ---उन्होंने कंझावला में 5 एकड़  जमीन भी खरीदी ली और यही जमीन दिखाकर ताबतोड़ सदस्य बनाये ---लेकिन बाद में पता चला यह तो कृषि भूमि है और उस पर फ्लैट बन ही नहीं सकते ---लेकिन यह जानते हुए भी उन्होंने बिल्डर को 4 करोड़ रुपये दे दिए ---बाकी लाखों रुपया इस सोसाइटी का पैसा प्रकाश चंद और उसके साथियों ने एक अलग सोसाइटी बनाकर उसमें में ट्रांसफर दिया --मामला उजागर हुआ तो उन्होंने तत्कालीन महासचिव पर इसका ठीकरा फोड़ दिया और जेपी जैन को महासचिव बना दिया और भरोसा दिया कि जल्द ही फ्लैट मिल जायेंगे ---लेकिन यहाँ भी वे धोखा खा गए तो महासचिव जेपी ने 2013 में EOW में इसकी शिकायत की वहां से 2015 में मामला केएन काटजू मार्ग थाने में दर्ज़ हो गया --सोसाइटी के बैंक खाते सीज हो गए ---लेकिन इस बीच प्रकाश चंद ने अपने बेटे की एंट्री कर दी और इसी सोसाइटी के रजिस्ट्रेशन नंबर से अलग से बैंक खाता खोलकर ठगी शुरू कर दी ---इस बार शिकायत किसी प्रभावशाली शख्स की थी लिहाज़ा इस मामले में EOW ने तेज़ी दिखाई और प्रकाश के बेटे सहित तीन लोगों को जेल भेज दिया ---पीड़ितों का कहना है की यदि पहली एफआईआर पर करवाई हो जाती तो दूसरी बार ठगी नहीं होती ---

हद तो यह है कि मुख्य आरोपी प्रकाश का बेटा जतिन अभी भी जेल में है ,लेकिन फिर भी इसी सोसाइटी के नाम पर लोगों को फ्लैट देने का झांसा देकर ठगी का काम जारी है। इस मामले में रोहिणी जिला डीसीपी से भी बात की लेकिन वे भी चुप्पी साधे हुए है ,पुलिस के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है की आज सात साल बात भी ठगी के आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल क्यों नहीं की --इतने सालों से ये लोग अड्रेस बदला कर फर्जीवाड़ा कर रहे है लेकिन प्रशासन की आँखे बंद क्यों है ? यही सवाल लेकर ये बुजुर्ग थाना और डीसीपी ऑफिस चक्कर लगा रहे है लेकिन पुलिस इनके सवालों का जबाब देना तो दूर मिलाने तक को तैयार नहीं है ----