बवाना के राजीव गांधी स्टेडियम में कोमल खत्री रिंग में स्केटिंग प्रतियोगिता का किया गया आयोजन 

कोमल के हुनर को आने वाली नस्लों मे पिरोया जा सकें । आज यह स्टेडियम और यहाँ के कोच  कोमल जैसे सैकड़ो बच्चो को स्केटिंग के गुण सीखा रहें हैं और उन्हें प्रशिक्षित कर रहें हैं ।हालांकि आयोजन में आए दर्शकों और खेल प्रशंसकों में ने पार्क के लचर व्यवस्था पर भी खुल कर बात की । कोमल खत्री के चाचा ने हमारे संवादाता से बात करते हुए बताया

बवाना के राजीव गांधी स्टेडियम में कोमल खत्री रिंग में स्केटिंग प्रतियोगिता का किया गया आयोजन 

 बवाना के राजीव गांधी स्टेडियम में कोमल खत्री रिंग में आज स्केटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया हैं । यह प्रतियोगिता हर साल महान खिलाड़ी कोमल खत्री की याद में इसी स्टेडियम मे आयोजित की जाती हैं, जो अन्य कुशल खिलाड़ियों को भी  इस क्षेत्र में कुछ बड़ा करने की प्रेरणा देती हैं । इस आयोजन में सैकड़ो बच्चो ने भाग लिया । बच्चो का जोश और दर्शकों की दिलचस्पी ने इस आयोजन को और भी जानदार और शानदार बना दिया । जीतने वाले प्रतिभागियों को पुरष्कार और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सम्मानित किया गया । नन्ही सी उम्र में आसमान छूने का जज्बा बहुत कम बच्चो मे देखने को मिलता है । कोमल खत्री एक ऐसा ही नाम हैं जो सफलता की ऊंचाइयों को अपनी कच्ची उम्र मे ही छूकर आसमान का सितारा बन गया । भले ही वो आज हमारे बीच नही हैं , लेकिन आज भी जब लोग इन छोटे छोटे बच्चो को स्केटिंग करते देखते हैं तो उन्हे हर उस बच्चे मे कोमल खत्री का चेहरा दिखाई देता हैं ।स्केटिंग के बेहतरीन खिलाड़ी कोमल की अकस्मात मृत्यु के बाद परिजनों ने दुखों के आंसुओं से सींच कर एक स्केटिंग स्टेडियम की नींव रखी ताकि कोमल के हुनर को आने वाली नस्लों मे पिरोया जा सकें । आज यह स्टेडियम और यहाँ के कोच  कोमल जैसे सैकड़ो बच्चो को स्केटिंग के गुण सीखा रहें हैं और उन्हें प्रशिक्षित कर रहें हैं ।हालांकि आयोजन में आए दर्शकों और खेल प्रशंसकों में ने पार्क के लचर व्यवस्था पर भी खुल कर बात की । कोमल खत्री के चाचा ने हमारे संवादाता से बात करते हुए बताया कि कोमल ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते थे । उस छोटी से बच्चे की लगन इसी बात से सिद्ध होती है कि वह रोज सुबह 3 बजे उठ कर 4 बजे इंडिया गेट पर स्केटिंग प्रैक्टिस करने जाया करता था। संसाधनों का अभाव था, मुश्किलें थी...लेकिन हर मुश्किलों को पार करता हुआ वो दुनिया के लिए एक मिशाल बनता गया । स्टेडियम की खराब हालत पर उन्होने बताया कि स्टेडियम निर्माण कर के सरकार को सौंप देने के बाद भी दिल्ली सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं ।स्केटिंग रिंग के कोच विनोद शेरावत ने भी कोमल को याद करते हुए कहा कि कोमल एक बेहद प्रतिभावान खिलाड़ी थें और उन्होने अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम ऊंचा किया है । वो चाहते हैं कि ऐसे आयोजन समय समय पर होते रहें जिससे स्केटिंग जैसे खेल को और बढ़ावा मिलेगा ।